हर पल  चलें मंज़िल की  ओर मुमकिन तो नहीं

हर पल  चलें मंज़िल की  ओर मुमकिन तो नहींमोहब्बत  मिले उन  राहों  पर मुमकिन  तो नहीं ग़म-ए-सहराओं  सा घिरा  हुआ है मेरा हर पलखुशियां  मिले  बस  उम्र  भर  मुमकिन तो…

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