नज़्म-ए-उल्फ़त
ये नज़्म आप के औसाफ़ को पहचानती है,ये नज़्म आप के जलवों की चमक जनती है। ये नज़्म आप के दस्त-ए-हिना से लाई है,ये नज़्म आप के अंगुश्त की हिनाई…
ये नज़्म आप के औसाफ़ को पहचानती है,ये नज़्म आप के जलवों की चमक जनती है। ये नज़्म आप के दस्त-ए-हिना से लाई है,ये नज़्म आप के अंगुश्त की हिनाई…
ساتھ عمر بھر نبھانے کے لیےآئے گے نہ جانے کے لیےنکلے گا پھر کسی کونے سےجان کر بھی جلانے کے لیےخوش ركھنا ہے تا عمر تم کوہے بہانے ہنسانے کے…
ایک نئے جال میں دیکھو فسانے روکا ہےوفا کی خائی میں ہمیں گرانے روکا ہے عشق و محبت کا سہارا لے کرہر کوئی پیاس اپنی بجھانے روکا ہے نہ گیا…