मुझे लगता है कि तुम हो

कहीं पे चाँद आ चमके,मुझे लगता है कि तुम हो।कहीं पे तारे जब दमके,मुझे लगता है कि तुम हो। कहीं बारिश की घटा हो,कहीं गुमसुम सी फ़ज़ा हो,कहीं आँखों का…

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अजब नहीं है

अजब नहीं है-कि बिन तुम्हारे,वो लफ्ज़ सारेजो मेरे पन्नों पे सो रहे हैं,कि जैसे चहरे को तुमने फेरा,ऐसे करवट बदल रहे हैं.. अजब नहीं है-वो शेर सारे,जो थे हमारे,हमारी भीगी…

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