उसकी ज़ुल्फ़ें संवारने चला हूँ मैं

उसकी    ज़ुल्फ़ें    संवारने      चला     हूँ    मैंखुद     को    उसपे     हारने    चला    हूँ    मैं जाने   ये   कैसा   मंजर   है   मेरी   आँखों  मेंबस   एक   उसी    को   देखने   चला   हूँ   मैं उसकी  ज़ुल्फ़ें  उसकी …

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