एक दिन

एक दिन आप यूँ हम को मिल जाएंगे
फूल ही फूल राहो में खिल जाएंगे
हम ने सोचा ना था..
एक दिन ज़िंदगी इतनी होगी हसीं
झूमेगा आसमाँ गायेगी ये ज़मीं
हम ने सोचा ना था..

होश ही ना रहा था ख़यालात मे
दिल सुलगता था हिज्र-ए-मुलाक़ात मे
एक दिन आप से हम मिलेंगे कभी
फूल गुनचे दिलों के खिलेंगे कभी
हम ने सोचा ना था..

होगा इज़हार भी होगा इक़रार भी
होगा इंकार भी होगा फिर प्यार भी
एक दिन सारे अरमाँ निकल जाएंगे
संग दिल, मोम जैसे पिघल जाएंगे
हम ने सोचा ना था..

दिल मे अरमान के दीप जलने लगे
आप के साथ जब राह चलने लगे
एक दिन आप के दिल को हम भाएंगे
जो हैं बातें दिलों की वो समझाएंगे
हम ने सोचा ना था..

ऐ मेरे हम-नफ़स ऐ मेरे हम-नशीं
ज़ुल्फ़ है आफरीं ज़ुल्फ़ है दिल-नशीं
एक दिन बिल यक़ीं ज़ुल्फ़ की अंबरी
यूँ सँवारेंगे जैसे कोई चाँदनी
हम ने सोचा ना था..

हाथ थामे हुए दस्त-ए शफ़क़त मे हम
खेलते उंगलियों से मोहब्बत मे हम
एक दिन हाथ में हाथ होगा यूँही
एक दिन साथिया साथ होगा यूँही
हम ने सोचा ना था..

ताकते आप को हर पहर हर घड़ी
देखते आप के रुख़ की ये रोशनी
एक दिन रौशनी की किरन आएगी
साथ भीनी सुहानी मिलन लाएगी
हम ने सोचा ना था..

बेख़ुदी मे तुम्हारी उलझते है हम
दूर तुम से ज़रा भी ना जचते है हम
एक दिन बेख़ुदी भी उतर जाएगी
दूरीयां दूर होती नज़र आएगी
हम ने सोचा ना था..

यह नज़ारे नज़ारो की क्या बात हैं
यह इशारे इशारों की क्या बात हैं
एक दिन यह नज़ारे नज़र आएंगे
बेख़बर यह इशारे ख़बर लाएंगे
हम ने सोचा ना था..

एक दिन आप यूँ हम को मिल जाएंगे
फूल ही फूल राहो में खिल जाएंगे
हम ने सोचा ना था..
एक दिन ज़िंदगी इतनी होगी हसीं
झूमेगा आसमाँ गायेगी ये ज़मीं
हम ने सोचा ना था..

होश ही ना रहा था ख़यालात मे
दिल सुलगता था हिज्र-ए-मुलाक़ात मे
एक दिन आप से हम मिलेंगे कभी
फूल गुनचे दिलों के खिलेंगे कभी
हम ने सोचा ना था..

होगा इज़हार भी होगा इक़रार भी
होगा इंकार भी होगा फिर प्यार भी
एक दिन सारे अरमाँ निकल जाएंगे
संग दिल, मोम जैसे पिघल जाएंगे
हम ने सोचा ना था..

दिल मे अरमान के दीप जलने लगे
आप के साथ जब राह चलने लगे
एक दिन आप के दिल को हम भाएंगे
जो हैं बातें दिलों की वो समझाएंगे
हम ने सोचा ना था..

ऐ मेरे हम-नफ़स ऐ मेरे हम-नशीं
ज़ुल्फ़ है आफरीं ज़ुल्फ़ है दिल-नशीं
एक दिन बिल यक़ीं ज़ुल्फ़ की अंबरी
यूँ सँवारेंगे जैसे कोई चाँदनी
हम ने सोचा ना था..

हाथ थामे हुए दस्त-ए शफ़क़त मे हम
खेलते उंगलियों से मोहब्बत मे हम
एक दिन हाथ में हाथ होगा यूँही
एक दिन साथिया साथ होगा यूँही
हम ने सोचा ना था..

ताकते आप को हर पहर हर घड़ी
देखते आप के रुख़ की ये रोशनी
एक दिन रौशनी की किरन आएगी
साथ भीनी सुहानी मिलन लाएगी
हम ने सोचा ना था..

बेख़ुदी मे तुम्हारी उलझते है हम
दूर तुम से ज़रा भी ना जचते है हम
एक दिन बेख़ुदी भी उतर जाएगी
दूरीयां दूर होती नज़र आएगी
हम ने सोचा ना था..

यह नज़ारे नज़ारो की क्या बात हैं
यह इशारे इशारों की क्या बात हैं
एक दिन यह नज़ारे नज़र आएंगे
बेख़बर यह इशारे ख़बर लाएंगे
हम ने सोचा ना था..

गीत लिखता हूँ सोहेल यादों में भी
आप दिल में भी हो और मुरादों मे भी
एक दिन आप के दिल में हम जाएंगे
गीत लिखेंगे उल्फ़त के और गाएंगे..
हम ने सोचा ना था…


Nazm by Shaikh Sohail

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