ख्वाबों से हसीं हकीकत से परे एक चेहरा
मासूम सूरत झुके नयन और एक चेहरा
खुशबू महके गुलाब सी ऐसे मुझमें
गुलिस्तान हो पास मेरे जैसे एक चेहरा
खयालों में रहता है वो हर पल मेरे
छूना मुश्किल दूर है मुझसे एक चेहरा
रखना चाहता हूँ पास अपने उसे कुछ यूँ
हाथों में हाथ हो सामने हो एक चेहरा
मोहब्बत होने लगी है शायद अब उनसे
दिखाई देता है हर वक़्त मुझे एक चेहरा
Hindi Poetry written by Neeraj Neeru