उसकी ज़ुल्फ़ें संवारने चला हूँ मैं

uski zulfen savaarane chala hu main उसकी    ज़ुल्फ़ें    संवारने      चला     हूँ    मैंखुद     को    उसपे     हारने    चला    हूँ    मैं जाने   ये   कैसा   मंजर   है   मेरी   आँखों  मेंबस   एक   उसी    को   देखने   चला   हूँ   मैं उसकी  ज़ुल्फ़ें  उसकी  आँखें  देखी हैं  यूँ  तोसो  आज   उसका  चेहरा   पढ़ने  चला  हूँ  मैं मेरे  दिल ...

एक ख्याल कुछ यूँ है कि

ख्वाबों से हसीं हकीकत से परे एक चेहरामासूम सूरत  झुके नयन  और एक  चेहरा खुशबू   महके   गुलाब   सी   ऐसे   मुझमें गुलिस्तान हो  पास  मेरे  जैसे एक  चेहरा  खयालों  में   रहता  है   वो   हर  पल  मेरेछूना  मुश्किल  दूर  है  मुझसे  एक चेहरा रखना चाहता हूँ पास अपने उसे  कुछ यूँहाथों में ...

मेरे लिये तुम कुछ ऐसे यार ज़रूरी हो

मेरे  लिये  तुम  कुछ   ऐसे  यार  ज़रूरी होकिसी ग़ज़ल को जैसे अश’आर ज़रूरी हो ज़ज्बात जो दबे  हों सीने में  कहीं तो फिरकलम को भी अल्फाज़ हर बार ज़रूरी हो ज़िंदगी  ख़ुशनुमा  हो   ही  जाती  हैं  यारोंग़र दिल  से बने सच्चे  दिलदार ज़रूरी हो दोस्त  बने  हैं  यूँ  तो  कई   अब  तक ...

रिश्तों की महक

रिश्ते,कितने प्यारे होते हैं नाये मानवीय रिश्तेहमेशा एक अपनापन साएहसास कराते हैं हमें फिर चाहे ये पारिवारिक हो या सामाजिककोई फर्क नहीं पड़ता इससे चूंकिहृदय की गहराई और पवित्रता सेबने होते हैं ये रिश्ते ना कोई द्वेष, ना छलसिर्फ प्रेम दिखता है इनमेंजिसे अटूट विश्वास की डोरसदैव बाँधे रखती है...

करें क्या ?

ये ग़म तो दिल की आदत है, करें क्या?वुफ़ूर-ए-ग़म में लत-पत है, करें क्या? रूदाद-ए-ग़म किसे मिल कर सुनाए?शरीक-ए-ग़म से दहशत है, करें क्या? शरीक-ए-रंज-ओ-राहत जो मिला है,वो अंदोह-ए-समा’अत है, करें क्या? सोहेल-ए-बे-सुख़न-ना-चिज़-ओ-ख़स्ता,को ग़म रखने की आदत है, करें क्या? सोहेल शेख़ 1222 1222 122 Ghazal by Shaikh Sohail...

हो रहे फासले लेकिन हम जुदा नहीं

हो रहे फासले लेकिन हम जुदा नहींपहले कभी दर्द इतना क्यूँ हुवा नहीं हूँ तकलीफ़ उस के लिए मैं अगरकर मुझे दूर मगर ऐ ख़ुदा नहीं मेरा इश्क़ जो मेरी जान हैकोई दिल में उस के सिवा नहीं मेरे दिल को जिस की तलाश थीमुझे मुद्दतों से वो दिखा नहीं...

Apna ek tukda maine sab mein dekha

Apna ek tukda maine sab mein dekhaAlag sa hissa alag sa kissaPehle hoti thiDo baaton pe chaar baateinAb toh bas khamoshiyanSiskiyan bharti hain. Jeb bhar le aayeYaadon ka saharaGhum gayi hainKuch hisse mereApna kuch tukdaBehisaab payaPehle ek pal meinSaw bar sa jeete theAb saw pal ko ek baar hiJena Gawara...

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