करें क्या ?

ये ग़म तो दिल की आदत है, करें क्या?वुफ़ूर-ए-ग़म में लत-पत है, करें क्या? रूदाद-ए-ग़म किसे मिल कर सुनाए?शरीक-ए-ग़म से दहशत है, करें क्या? शरीक-ए-रंज-ओ-राहत जो मिला है,वो अंदोह-ए-समा'अत है,…

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हो रहे फासले लेकिन हम जुदा नहीं

हो रहे फासले लेकिन हम जुदा नहींपहले कभी दर्द इतना क्यूँ हुवा नहीं हूँ तकलीफ़ उस के लिए मैं अगरकर मुझे दूर मगर ऐ ख़ुदा नहीं मेरा इश्क़ जो मेरी…

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