Teg-e-Kalam Chala Phakt Ashaar Ke Lie
Teg-E-Kalam Chala Phakt Ashaar Ke Lie teg-e-kalam chala phakt ashaar ke liesaif-e-zabaan khamosh rahee yaar ke lie teg-e-kalam chala phakt ashaar ke lie तेग़-ए-कलम चला फक्त अशआर के लिएसैफ़-ए-ज़बां ख़मोश…
Teg-E-Kalam Chala Phakt Ashaar Ke Lie teg-e-kalam chala phakt ashaar ke liesaif-e-zabaan khamosh rahee yaar ke lie teg-e-kalam chala phakt ashaar ke lie तेग़-ए-कलम चला फक्त अशआर के लिएसैफ़-ए-ज़बां ख़मोश…
Ghazal Shaikh Sohail تیغِ قلم چلا فقط اشعار کے لیےسیفِ زباں خموش رہی یار کے لیے تابِ سخن نہیں ہے کچھ انوار کے لیےلکھنے چلا ہوں حسنِ رخِ یار کے لیے…
Ye gam to dil ki aadat hai, karein kya?Vufoor e gam mein lat pat hai, karein kya? Rudaad e gam kise mil kar sunae?Shareek e gam se dehshat hai, karein…
ये ग़म तो दिल की आदत है, करें क्या?वुफ़ूर-ए-ग़म में लत-पत है, करें क्या? रूदाद-ए-ग़म किसे मिल कर सुनाए?शरीक-ए-ग़म से दहशत है, करें क्या? शरीक-ए-रंज-ओ-राहत जो मिला है,वो अंदोह-ए-समा'अत है,…
एक दिन आप यूँ हम को मिल जाएंगेफूल ही फूल राहो में खिल जाएंगेहम ने सोचा ना था..एक दिन ज़िंदगी इतनी होगी हसींझूमेगा आसमाँ गायेगी ये ज़मींहम ने सोचा ना…
कहीं पे चाँद आ चमके,मुझे लगता है कि तुम हो।कहीं पे तारे जब दमके,मुझे लगता है कि तुम हो। कहीं बारिश की घटा हो,कहीं गुमसुम सी फ़ज़ा हो,कहीं आँखों का…
अजब नहीं है-कि बिन तुम्हारे,वो लफ्ज़ सारेजो मेरे पन्नों पे सो रहे हैं,कि जैसे चहरे को तुमने फेरा,ऐसे करवट बदल रहे हैं.. अजब नहीं है-वो शेर सारे,जो थे हमारे,हमारी भीगी…
ये नज़्म आप के औसाफ़ को पहचानती है,ये नज़्म आप के जलवों की चमक जनती है। ये नज़्म आप के दस्त-ए-हिना से लाई है,ये नज़्म आप के अंगुश्त की हिनाई…
جلتا نہیں ہوں آتشِ رخسار دیکھ کرکرتا ہوں ناز طاقتِ دیدار دیکھ کر حیراں ہوں میں تو حسنِ رُخِ یار دیکھ کرپھر بھی ہوں منتظر تجھے سو بار دیکھ کر…
जलता नहीं हूँ आतिश-ए-रुख़सार देख करकरता हूँ नाज़ ताक़त-ए-दीदार देख कर हैराँ हूँ मैं तो हुस्न-ए-रुख़-ए-यार देख करफिर भी हूँ मुन्तज़िर तुझे सौ बार देख कर अनवार-ए-हुस्न-ओ-नाज़-ए-अदाकार देख करहैरां है…