करें क्या ?

ये ग़म तो दिल की आदत है, करें क्या?वुफ़ूर-ए-ग़म में लत-पत है, करें क्या? रूदाद-ए-ग़म किसे मिल कर सुनाए?शरीक-ए-ग़म से दहशत है, करें क्या? शरीक-ए-रंज-ओ-राहत जो मिला है,वो अंदोह-ए-समा'अत है,…

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एक दिन

एक दिन आप यूँ हम को मिल जाएंगेफूल ही फूल राहो में खिल जाएंगेहम ने सोचा ना था..एक दिन ज़िंदगी इतनी होगी हसींझूमेगा आसमाँ गायेगी ये ज़मींहम ने सोचा ना…

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मुझे लगता है कि तुम हो

कहीं पे चाँद आ चमके,मुझे लगता है कि तुम हो।कहीं पे तारे जब दमके,मुझे लगता है कि तुम हो। कहीं बारिश की घटा हो,कहीं गुमसुम सी फ़ज़ा हो,कहीं आँखों का…

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अजब नहीं है

अजब नहीं है-कि बिन तुम्हारे,वो लफ्ज़ सारेजो मेरे पन्नों पे सो रहे हैं,कि जैसे चहरे को तुमने फेरा,ऐसे करवट बदल रहे हैं.. अजब नहीं है-वो शेर सारे,जो थे हमारे,हमारी भीगी…

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नज़्म-ए-उल्फ़त

ये नज़्म आप के औसाफ़ को पहचानती है,ये नज़्म आप के जलवों की चमक जनती है। ये नज़्म आप के दस्त-ए-हिना से लाई है,ये नज़्म आप के अंगुश्त की हिनाई…

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देख कर

जलता नहीं हूँ आतिश-ए-रुख़सार देख करकरता हूँ नाज़ ताक़त-ए-दीदार देख कर हैराँ हूँ मैं तो हुस्न-ए-रुख़-ए-यार देख करफिर भी हूँ मुन्तज़िर तुझे सौ बार देख कर अनवार-ए-हुस्न-ओ-नाज़-ए-अदाकार देख करहैरां है…

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